आमतौर पर कपल्स दो तरह के होते हैं। एक वो जो एक-दूसरे को डेट कर रहे हैं। दूसरे वो जिनकी शादी हो चुकी है।मगर इन दोनों ही टाइप के कपल्स के रिश्ते और इनकी बॉन्डिंग के बीच में खासा अंतर होता है। अनमैरिड कपल्स को जहां एक-दूसरे से मिलने का इंतजार होता है,वहीं मैरिड कपल लगभग हर दिन ही साथ होते हैं।
ऐसे में इनका साथ समय बिताने का तरीका भी बदल जाता है। पहले जहां वीकेंड में अक्सर ही मूवी डेट हो जाती थी। अब वही वीकेंड अक्सर ही रिश्तेदारों से मिलने या फैमिली फंक्शन में निकल जाता है। ऐसा ही कुछ अंतर इनकी पर्सनल लाइफ में भी देखने को मिलता है, जिसका सीधा-सीधा असर शारीरिक संबंधों पर भी पड़ता है।
आज हम आपके लिए ऐसी ही कुछ बातें लेकर आए हैं। यह वो बातें हैं जो अमूमन हर दिन आपके सामने घटती है मगर आपका इन पर ध्यान नहीं जाता है। वैसे यह तमाम बातें शादीशुदा महिलाएं बड़ी आसानी से समझ लेती हैं। तो फिर देर किस बात की है। आइए जानते हैं यह पूरा मामला।
हमेशा नहीं होगा मजेदार
महिलाएं संबंधों को लेकर इस बात को स्वीकार कर लेती हैं कि इंटिमेट होना हमेशा ही एक्साइटिंग नहीं होगा। और तो और उन्हें इस बारे में बुरा भी नहीं लगता, क्योंकि वो समझने लगती हैं कि 1,000 बार में दो-तीन बार ऐसा हो जाना कोई बड़ी बात नहीं है।
आप करें शुरुआत
एक वक्त बाद पति-पत्नी एक-दूसरे के साथ बहुत ज्यादा सहज हो जाते हैं। किसी भी बात को लेकर उनके बीच झिझक नहीं बचती है। ऐसे में जरूरी नहीं होता है कि हमेशा पति ही शुरुआत करें। महिलाएं भी शुरुआत कर सकती हैं। इस बात से तो पति भी खुश हो जाएंगे।
पत्नी की बॉडी को लेकर यह सोचते हैं पति।
छोटे असेस्ट्स दिक्कत नहीं
भले ही आपके असेस्ट्स छोटे हैं, मगर फिर भी आपके पति इनका सम्मान करते हैं। इस बात से इंटिमेट होने के दौरान आपके पैशन में कोई कमी नहीं आती है। वो इनके साइज के हिसाब से खुद को ढाल लेते हैं।
बनती है सहमति
कुछ समय बाद आप दोनों ही समझ जाते हैं कि कौन-सी पोजीशन आपको मुश्किल पड़ रही है। आप आपसी सहमति से किसी आसान पोजीशन का चुनाव कर लेते हैं।
महीनों के उन दिनों में यह होती है स्थिति।
पीरियड्स सेक्स
जैसा कि हमने पहले भी कहा आप दोनों ही एक-दूसरे के साथ सहज हो चुके होते हैं। आपके बीच शर्म जैसा कुछ बचता नहीं है। वो आपके पीरियड्स को भी सजह रूप से स्वीकार करते हैं और आप इस दौरान भी संबंध बनाते हैं।
बहुत सारा सेक्स
आप लोगों की सोच से अधिक बार इंटिमेट होते हैं। यह आपके लिए कोई बड़ी बात नहीं रह जाती है। आप सहज हो जाते हैं और आप अब इंटिमेट होने से नहीं हिचकिचाते हैं।
लेकिन यह है इस बात का दूसरा पहलू।
कुछ भी फिक्स नहीं
आप कभी-कभी बहुत थके हुए होते हैं और इंटिमेट होने के मूड में नहीं होते हो। वही कभी-कभी आप दिन में 3-4 बार भी संबंध बना लेते हैं। यह आप दोनों की आपसी समझ पर निर्भर करता है।
एडवेंचर तो होता है
मुश्किल पोजीशन से दूर रहने का यह मतलब नहीं है कि आप कुछ नया ट्राई नहीं करते हैं। आप अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलकर चीजें करते हैं और कुछ समय बाद स्टैंडर्ड पर ही लौट आते हैं।
हर रात होता है यह।
नहीं करनी पड़ती ज्यादा कोशिश
संबंध बनाने के दौरान आप उन्हें उत्तेजित करने के लिए कोई बड़ा कदम नहीं उठाते हैं बल्कि आप जिससे प्यार करते हैं, उनके साथ इंटिमेट होना ही आपके लिए सबसे बड़ी खुशी है।
बेड पर होने का एक ही मतलब नहीं
यदि आप साथ में रहते हैं। एक ही बिस्तर में सोते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप हर रात इंटिमेट ही होने वाले हैं। संबंध बनाना हमेशा ही आपकी चॉइस नहीं होती है। आप एक-दूसरे को बाहों में भरकर सिर्फ बातें भी कर सकते हैं।
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